आज हमारा ६१ वां गणतंत्र दिवस है ,वैसे तो मै राष्ट्रिय पर्व पर सदेव ही गर्व
का अनुभव करती हूँ पर ये गणतंत्र दिवस मेरे लिए कुछ विशेष रहा ,और इसका कारण
था राजपथ पर होने वाली वह परेड देखने का सोभाग्य प्राप्त होना जो पुरे विश्व
में भारतीय शौर्य और गौरव का प्रतीक है .अलसाई सी सुबह जो अपने साथ एक घना
कोहरा लिए हुई थी उसमे अपने घर से निकलकर परेड देखने के लिए जाते समय मेरे मन
में एक ही भाव था कि रोज तो हम खुद के लिए उठते पर एक दिन देश के लिए उठे और
ये अनुभव ही मुझे गर्व और देश प्रेम की भावना भर दे रहा था । राजपथ पर सुबह
सवेरे जब परेड का सिलसिला शुरू हुआ तो मन जैसे देश का गर्व देख कर बिलकुल
न..........
का अनुभव करती हूँ पर ये गणतंत्र दिवस मेरे लिए कुछ विशेष रहा ,और इसका कारण
था राजपथ पर होने वाली वह परेड देखने का सोभाग्य प्राप्त होना जो पुरे विश्व
में भारतीय शौर्य और गौरव का प्रतीक है .अलसाई सी सुबह जो अपने साथ एक घना
कोहरा लिए हुई थी उसमे अपने घर से निकलकर परेड देखने के लिए जाते समय मेरे मन
में एक ही भाव था कि रोज तो हम खुद के लिए उठते पर एक दिन देश के लिए उठे और
ये अनुभव ही मुझे गर्व और देश प्रेम की भावना भर दे रहा था । राजपथ पर सुबह
सवेरे जब परेड का सिलसिला शुरू हुआ तो मन जैसे देश का गर्व देख कर बिलकुल
न..........